2025 महाकुंभ में मची भगदड़ गई 10 लोगों की जान 50 से अधिक श्रद्धालु इस घटना में घायल।

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Mindfresh News January 29, 2025 01:21 PMदेश

प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2025 के दौरान, 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के पावन अवसर पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। इस विशाल जनसमूह के बीच, संगम क्षेत्र में अचानक भगदड़ मच गई, जिसके परिणामस्वरूप कई लोग घायल हो गए। प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, लगभग 50 से अधिक श्रद्धालु इस घटना में घायल हुए हैं, जिनमें से कुछ की स्थिति गंभीर बताई जा रही है।

घटना का विवरण:

मौनी अमावस्या के दिन, जिसे महाकुंभ का सबसे महत्वपूर्ण स्नान पर्व माना जाता है, लाखों श्रद्धालु गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के संगम पर स्नान करने के लिए एकत्रित होते हैं। इस वर्ष, प्रशासन ने अनुमान लगाया था कि लगभग 5 करोड़ से अधिक लोग इस अवसर पर संगम में डुबकी लगाएंगे। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन द्वारा व्यापक इंतजाम किए गए थे, जिसमें अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती, अस्थायी पुलों का निर्माण, और भीड़ प्रबंधन के लिए विशेष बैरिकेडिंग शामिल थी।

हालांकि, सुबह के समय, जब श्रद्धालुओं की संख्या अपने चरम पर थी, संगम क्षेत्र के निकट एक अस्थायी पुल पर अचानक अफरा-तफरी मच गई। चश्मदीदों के अनुसार, एक वृद्ध महिला के फिसलकर गिरने के बाद, पीछे से आ रही भीड़ में धक्का-मुक्की शुरू हो गई, जिससे भगदड़ की स्थिति उत्पन्न हो गई। इस भगदड़ में कई लोग जमीन पर गिर गए और उन्हें गंभीर चोटें आईं।

प्रशासन की प्रतिक्रिया:

घटना की सूचना मिलते ही, प्रशासन और आपदा प्रबंधन दल तुरंत सक्रिय हो गए। घायलों को तत्काल नजदीकी चिकित्सा शिविरों और अस्पतालों में भर्ती कराया गया। प्रयागराज के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि घायलों के उपचार के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की गई हैं और चिकित्सकीय दल लगातार स्थिति पर नजर रख रहे हैं।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है और उच्च-स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने प्रशासन को निर्देश दिया है कि घायलों के उपचार में कोई कमी न हो और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं।

सुरक्षा व्यवस्थाओं पर सवाल:

महाकुंभ जैसे विशाल आयोजन में सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं। हालांकि प्रशासन ने पहले से ही व्यापक इंतजाम किए थे, लेकिन इस घटना ने इन व्यवस्थाओं की प्रभावशीलता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि भीड़ प्रबंधन में और सुधार की आवश्यकता है, विशेषकर संवेदनशील क्षेत्रों में जहां भीड़ का दबाव अधिक होता है।

भविष्य की चुनौतियाँ:

महाकुंभ 2025 अभी जारी है, और आने वाले दिनों में भी बड़े स्नान पर्व आयोजित होने हैं। इस घटना के बाद, प्रशासन के सामने चुनौती है कि वह श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए और अधिक प्रभावी कदम उठाए। भीड़ प्रबंधन के लिए तकनीकी समाधानों का उपयोग, जैसे ड्रोन से निगरानी, रियल-टाइम भीड़ घनत्व मानचित्रण, और आपातकालीन प्रतिक्रिया तंत्र को मजबूत करना, आवश्यक हो सकता है।

निष्कर्ष:

महाकुंभ 2025 के दौरान हुई इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना ने एक बार फिर से यह स्पष्ट किया है कि इतने बड़े पैमाने पर आयोजित होने वाले धार्मिक आयोजनों में सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन में किसी भी प्रकार की चूक गंभीर परिणाम ला सकती है। आवश्यक है कि प्रशासन, श्रद्धालु और स्वयंसेवी संगठन मिलकर ऐसे उपाय करें, जिससे भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो और सभी श्रद्धालु सुरक्षित रूप से अपने धार्मिक कर्तव्यों का पालन कर सकें।

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