इग्लू: बर्फ का घर अंदर से गर्म कैसे रहता है?
इग्लू एक खास तरह का घर होता है, जिसे ठंडी जगहों पर रहने वाले इनुइट (Eskimo) लोग बनाते हैं। यह पूरा बर्फ से बना होता है, फिर भी इसके अंदर ठंड नहीं बल्कि गर्मी बनी रहती है।
अब सवाल यह है कि जब इग्लू खुद बर्फ का बना होता है, तो यह अंदर से ठंडा क्यों नहीं होता? इसका जवाब विज्ञान में छिपा है। इस लेख में हम इग्लू की खास बनावट और इसके अंदर गर्मी बने रहने के कारणों को आसान भाषा में समझेंगे।
इग्लू क्या होता है?
इग्लू एक गुंबद (Dome) के आकार का छोटा घर होता है, जिसे बर्फ के बड़े-बड़े टुकड़ों से बनाया जाता है। यह खासकर बर्फीले इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए एक सुरक्षित और गर्म आश्रय (Shelter) होता है।
इग्लू के प्रकार
इग्लू तीन प्रकार के होते हैं:
छोटे इग्लू – इन्हें शिकारियों और यात्रियों के लिए अस्थायी घर की तरह बनाया जाता है।
मध्यम आकार के इग्लू – यह छोटे परिवारों के रहने के लिए बनाए जाते हैं।
बड़े इग्लू – ये एक बड़े समूह या समुदाय के लिए बनाए जाते हैं।
इग्लू अंदर से गर्म कैसे रहता है?
1. बर्फ एक अच्छा इन्सुलेटर (गर्मी रोकने वाली चीज़) है
बर्फ ठंडी जरूर होती है, लेकिन उसमें छोटे-छोटे हवा के बुलबुले होते हैं। ये बुलबुले ठंड को अंदर आने से रोकते हैं और गर्मी को बाहर निकलने नहीं देते। इसी कारण इग्लू का अंदरूनी हिस्सा ठंडा नहीं होता।
2. शरीर की गर्मी का उपयोग
इग्लू के अंदर रहने वाले लोग खुद भी गर्मी पैदा करते हैं।
इंसान का शरीर लगभग 37°C गर्म होता है।
जब कई लोग इग्लू के अंदर होते हैं, तो उनके शरीर से निकलने वाली गर्मी धीरे-धीरे पूरे इग्लू में फैल जाती है।
इसके अलावा, मोमबत्ती या छोटा स्टोव भी इग्लू के अंदर गर्मी बनाए रखता है।
3. इग्लू की गोल बनावट
इग्लू का गोल आकार इस तरह से बना होता है कि गर्मी पूरे घर में अच्छी तरह से फैल सके और ठंडी हवा बाहर ही रहे।
गर्म हवा हल्की होती है और ऊपर की ओर जाती है।
इग्लू का ऊपरी हिस्सा सबसे गर्म रहता है, इसलिए लोग थोड़ी ऊँचाई पर बैठते या सोते हैं ताकि उन्हें ज्यादा गर्मी मिले।
4. बर्फ की परत अंदर की गर्मी को बचाती है
जब इग्लू के अंदर लोग रहते हैं, तो अंदर की दीवारें हल्की-हल्की पिघलती हैं और फिर जम जाती हैं। इससे एक चिकनी बर्फ की परत बन जाती है, जो इग्लू को और ज्यादा गर्म बनाए रखती है।
5. छोटा दरवाजा और वेंटिलेशन छेद
इग्लू का दरवाजा हमेशा छोटा और झुका हुआ बनाया जाता है ताकि ठंडी हवा आसानी से अंदर न आ सके।
ऊपर एक छोटा छेद (Ventilation Hole) भी बनाया जाता है ताकि ताजी हवा अंदर आ सके और नमी (Moisture) बाहर निकल सके।
यह छेद कार्बन डाइऑक्साइड को भी बाहर निकालने में मदद करता है, जिससे अंदर रहने वालों को ताजी हवा मिलती रहती है।
इग्लू बनाते समय ध्यान देने वाली बातें
सही बर्फ का चुनाव – हल्की और हवा से भरी बर्फ अच्छी इन्सुलेशन देती है।
गोल आकार का होना जरूरी – यह गर्मी को बनाए रखने में मदद करता है।
छोटा प्रवेश द्वार – इससे ठंडी हवा अंदर नहीं आती।
चिकनी दीवारें – नमी को जमने से रोकती हैं।
हवा के लिए छेद – यह अंदर की हवा को साफ और ताजा रखता है।
इग्लू के बारे में मजेदार बातें
इग्लू के अंदर का तापमान -7°C से +16°C तक हो सकता है, जबकि बाहर का तापमान -40°C तक गिर सकता है।
एक इग्लू बनाने में केवल 1-2 घंटे लगते हैं।
यह 2-3 लोगों के लिए एक आरामदायक घर होता है।
इनुइट लोग हजारों सालों से इग्लू का उपयोग कर रहे हैं।
इग्लू एक अनोखा घर है, जो विज्ञान और प्रकृति के नियमों का बेहतरीन उपयोग करता है। बर्फ से बना होने के बावजूद, यह अंदर से गर्म रहता है क्योंकि बर्फ एक अच्छा इन्सुलेटर है, शरीर की गर्मी अंदर बनी रहती है, और इसकी गोल बनावट तापमान को नियंत्रित करने में मदद करती है।
यह दिखाता है कि इंसान ने अपने माहौल के अनुसार जीने के लिए कितनी समझदारी से समाधान निकाले हैं। आज भी वैज्ञानिक इग्लू की इस तकनीक से प्रेरणा लेकर नई इन्सुलेशन तकनीकों का विकास कर रहे हैं।
यह भी पढ़े : नरेंद्र मोदी का एक साधारण इंसान से प्रधानमंत्री बनने का सफर
Writer by,
Aman pandey