क्या लड़कों को भी पीरियड्स होते हैं? महिलाओं से अलग या समान?

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Mindfresh News March 4, 2025 01:04 PMब्लॉग

क्या लड़कों को भी पीरियड्स होते हैं? महिलाओं से अलग या समान?

जब भी "पीरियड्स" या मासिक धर्म की बात होती है, तो इसे आमतौर पर महिलाओं से जोड़ा जाता है। लेकिन क्या आपको पता है कि पुरुषों के शरीर में भी हार्मोनल बदलाव होते हैं, जो उनके मूड, ऊर्जा और व्यवहार पर असर डालते हैं? इसे "आईरिटेबल मेल सिंड्रोम (IMS)" कहा जाता है। यह महिलाओं के पीरियड्स की तरह नहीं होता, लेकिन कुछ लक्षण इससे मिलते-जुलते हो सकते हैं। आइए इसे विस्तार से समझते हैं।


1. पीरियड्स क्या होते हैं?

पीरियड्स यानी मासिक धर्म महिलाओं में एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, जिसमें हर महीने गर्भाशय की परत बाहर निकलती है। यह इसलिए होता है क्योंकि शरीर गर्भधारण की तैयारी करता है। अगर गर्भधारण नहीं होता, तो यह परत खून के रूप में बाहर आ जाती है।


2. क्या पुरुषों को भी पीरियड्स होते हैं?

पुरुषों को महिलाओं की तरह ब्लीडिंग (रक्तस्राव) नहीं होती, लेकिन उनके शरीर में हार्मोनल बदलाव होते हैं, जिससे उनके मूड, गुस्से, थकान और ऊर्जा स्तर में उतार-चढ़ाव आ सकता है। इसे आईरिटेबल मेल सिंड्रोम (IMS) कहा जाता है।

IMS तब होता है जब पुरुषों के शरीर में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का स्तर घटता या बढ़ता है। टेस्टोस्टेरोन पुरुषों के यौन स्वास्थ्य, ऊर्जा और मानसिक स्थिति को नियंत्रित करता है। जब इसका स्तर कम होता है, तो पुरुष चिड़चिड़े, उदास और गुस्से में आ सकते हैं।


3. पुरुषों के IMS और महिलाओं के पीरियड्स में क्या अंतर है?


4. पुरुषों का हार्मोनल चक्र कैसा होता है?

  1. दैनिक चक्र: सुबह टेस्टोस्टेरोन ज्यादा होता है, जिससे पुरुष ऊर्जावान महसूस करते हैं। शाम तक यह घटने लगता है, जिससे थकान और चिड़चिड़ापन आ सकता है।
  2. मासिक चक्र: कुछ शोध बताते हैं कि पुरुषों में भी लगभग 30 दिनों का हार्मोनल चक्र होता है, जिसमें मूड और एनर्जी लेवल बदलता है।
  3. वार्षिक चक्र: सर्दियों में टेस्टोस्टेरोन ज्यादा होता है, जबकि गर्मियों में कम, जिससे मूड और व्यवहार पर असर पड़ सकता है।

5. IMS के लक्षण

  • चिड़चिड़ापन और गुस्सा
  • उदासी और डिप्रेशन
  • थकान और सुस्ती
  • ध्यान केंद्रित करने में परेशानी
  • कम कामेच्छा
  • नींद की समस्या

अगर ये लक्षण बार-बार आते हैं, तो यह हार्मोनल बदलाव का संकेत हो सकता है।


6. IMS से कैसे बचें?

1. अच्छा खानपान रखें

  • हेल्दी और पौष्टिक खाना खाएं।
  • बहुत ज्यादा शुगर और जंक फूड से बचें।
  • खूब पानी पिएं।

2. रोज़ाना व्यायाम करें

  • योग और ध्यान करें।
  • रोज 30 मिनट टहलें या कसरत करें।

3. पर्याप्त नींद लें

  • रोज़ 7-9 घंटे सोएं।
  • सोने से पहले मोबाइल और टीवी से दूर रहें।

4. तनाव कम करें

  • दोस्तों और परिवार के साथ समय बिताएं।
  • अगर जरूरत हो तो डॉक्टर या मनोवैज्ञानिक की सलाह लें।

7. क्या IMS का इलाज संभव है?

IMS कोई बीमारी नहीं है, लेकिन अगर यह ज्यादा परेशानी दे रहा है, तो डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है। कुछ मामलों में टेस्टोस्टेरोन थेरेपी दी जाती है, लेकिन इसे डॉक्टर की सलाह के बिना न लें।

पुरुषों को महिलाओं की तरह मासिक धर्म नहीं होता, लेकिन उनके शरीर में हार्मोनल बदलाव होते हैं, जिससे उनके मूड और ऊर्जा पर असर पड़ता है। इसे "आईरिटेबल मेल सिंड्रोम (IMS)" कहा जाता है।

IMS को सही खानपान, व्यायाम, अच्छी नींद और तनाव कम करके संभाला जा सकता है। अगर समस्या ज्यादा हो, तो डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।

तो, क्या पुरुषों को भी पीरियड्स होते हैं?
तकनीकी रूप से नहीं, लेकिन हार्मोनल बदलाव की वजह से पुरुष भी मूड स्विंग और चिड़चिड़ापन महसूस कर सकते हैं। इसलिए, पुरुषों को भी अपने मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना जरूरी है।

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