क्या आपने कभी सोचा है, की इंटरनेट एक देश से दूसरे देश तक कैसे पहुंचता है?

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Mindfresh News February 14, 2025 07:15 AMब्लॉग

इंटरनेट एक देश से दूसरे देश तक कैसे पहुंचता है?

आज की दुनिया में इंटरनेट हमारे जीवन का अहम हिस्सा बन चुका है। हम इसका इस्तेमाल चैटिंग, पढ़ाई, शॉपिंग, और बिज़नेस जैसे हर काम के लिए करते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इंटरनेट एक देश से दूसरे देश तक कैसे पहुंचता है? यह लेख आपको इस प्रक्रिया को सरल और आसान भाषा में समझाएगा।


इंटरनेट कैसे काम करता है?

  • इंटरनेट क्या है?
    इंटरनेट दुनिया भर में जुड़े हुए कई कंप्यूटर नेटवर्क का एक जाल है।
  • डेटा कैसे चलता है?
    इंटरनेट पर जानकारी छोटे-छोटे टुकड़ों में बंटकर (जिन्हें डेटा पैकेट कहते हैं) एक जगह से दूसरी जगह पहुंचती है।
  • इंटरनेट के मुख्य हिस्से:
    • सर्वर: जहां वेबसाइट और डेटा स्टोर होता है।
    • डेटा सेंटर: बड़े-बड़े कंप्यूटर, जहां इंटरनेट का डेटा सुरक्षित रहता है।
    • यूजर: हम और आप, जो इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं।

समुद्र के नीचे बिछी ऑप्टिकल फाइबर केबल्स

  • भूमिका:
    समुद्र के नीचे बिछी ये केबल्स इंटरनेट को एक देश से दूसरे देश तक पहुंचाने का सबसे बड़ा साधन हैं।
  • कैसे बिछाई जाती हैं ये केबल्स?
    • सबसे पहले समुद्र के नीचे का नक्शा बनाया जाता है।
    • फिर बड़ी-बड़ी केबल बिछाने वाली मशीनें इन केबल्स को समुद्र में डालती हैं।
    • ये केबल इतनी मजबूत होती हैं कि पानी के दबाव को सह सकें।
  • इतिहास:
    पहली बार समुद्र के नीचे केबल 1858 में बिछाई गई थी, जो सिर्फ टेलीग्राफ के लिए थी।

सैटेलाइट और वायरलेस तकनीक

  • सैटेलाइट की भूमिका:
    जहां ऑप्टिकल केबल्स नहीं पहुंच सकती, वहां सैटेलाइट इंटरनेट पहुंचाने का काम करती हैं।
  • सीमाएं:
    • सैटेलाइट से मिलने वाला इंटरनेट थोड़ा धीमा होता है।
    • इसकी लागत भी ज्यादा होती है।
  • नए प्रयोग:
    स्पेसएक्स जैसी कंपनियां सैटेलाइट आधारित इंटरनेट (जैसे स्टारलिंक) पर काम कर रही हैं, ताकि तेज़ और सस्ता इंटरनेट हर जगह पहुंच सके।

इंटरनेट एक देश से दूसरे देश तक कैसे पहुंचता है?

  1. शुरुआत:
    जब आप किसी वेबसाइट पर क्लिक करते हैं, तो आपका मोबाइल या कंप्यूटर डेटा रिक्वेस्ट भेजता है।
  2. लोकल इंटरनेट प्रोवाइडर (ISP):
    आपका डेटा सबसे पहले आपके देश के इंटरनेट प्रोवाइडर (जैसे Jio, Airtel) के पास पहुंचता है।
  3. अंतरराष्ट्रीय गेटवे:
    वहां से आपका डेटा समुद्र के नीचे बिछी केबल्स या सैटेलाइट के जरिए दूसरे देश के गेटवे तक पहुंचता है।
  4. डेटा ट्रांसफर:
    डेटा गंतव्य देश के सर्वर तक पहुंचता है और वहां से आपको वह जानकारी वापस भेजी जाती है।

समुद्र के नीचे की केबल्स की सुरक्षा

  • समुद्र में बिछी केबल्स को कई खतरों का सामना करना पड़ता है:
    • प्राकृतिक आपदाएं, जैसे भूकंप और सुनामी।
    • जहाजों के लंगर या मछली पकड़ने के जाल से नुकसान।
  • मरम्मत कैसे होती है?
    जब कोई केबल खराब होती है, तो इसे ठीक करने के लिए खास जहाज भेजे जाते हैं। ये केबल को समुद्र से निकालकर मरम्मत करते हैं।

इंटरनेट की वैश्विक संरचना

  • प्रमुख समुद्री केबल्स:
    • अटलांटिक महासागर के नीचे की केबल्स।
    • एशिया और यूरोप को जोड़ने वाली केबल्स।
    • भारत से अन्य देशों को जोड़ने वाली केबल्स।
  • डेटा सेंटर और क्लाउड:
    बड़ी कंपनियां जैसे Google, Amazon, और Microsoft डेटा स्टोर करने के लिए दुनिया भर में डेटा सेंटर बनाती हैं।

भविष्य की तकनीक

  • सैटेलाइट आधारित इंटरनेट:
    भविष्य में स्पेसएक्स जैसी कंपनियां सैटेलाइट की मदद से हर कोने में इंटरनेट पहुंचाने की योजना बना रही हैं।
  • क्वांटम इंटरनेट:
    यह एक नई तकनीक है, जो डेटा को और ज्यादा सुरक्षित और तेज बनाएगी।
  • हाइपरफास्ट केबल्स:
    भविष्य में और तेज इंटरनेट के लिए नई केबल्स बिछाई जाएंगी।

Writer by,

                     Aman Pandey 

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