भारत ने दक्षिण अफ्रीका को हराकर U19 T20 विश्व कप का खिताब जीतकर इतिहास रचा!

VIEWS - 354
Mindfresh News February 2, 2025 06:55 PMखेल जगत

ICC महिला अंडर-19 वर्ल्ड कप फाइनल, कुआलालंपुर। 

कुआलांलपुर में हुए वर्ल्ड कप फाइनल में भारत ने अपनी अद्वितीय गेंदबाजी और बल्लेबाजी के कारण दक्षिण अफ्रीका को मात्र 82 रन पर समेटते हुए वर्ल्ड कप का ख़िताब अपने नाम कर लिया। विशेष रूप से गोंगडी त्रिशा ने इस मैच में बेजोड़ प्रदर्शन किया, जिन्होंने गेंद से 3 विकेट लेकर विरोधी टीम को झकझोर दिया और फिर बल्लेबाजी में नाबाद 44 रन बनाकर टीम को सहज जीत दिलाई।

दक्षिण अफ्रीका ने टॉस जीतकर पहले की बल्लेबाजी

दक्षिण अफ्रीका ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया, जो उनके लिए एक बड़ा गलतफहमी साबित हुआ। पावरप्ले के दौरान ही वे 20-3 के संकट में फंस गए, जिसके बाद उनकी स्थिति कभी भी उबर नहीं पाई। भारत के स्पिन गेंदबाजों ने इस दौरान पूरी तरह से मुकाबला अपने हाथ में ले लिया। दक्षिण अफ्रीका की बल्लेबाजी कमजोर होती चली गई, और वे नियमित अंतराल पर विकेट गंवाते गए। परिणामस्वरूप, पूरी टीम 82 रन पर सिमट गई, जो कि उनके लिए किसी भी प्रकार से सम्मानजनक स्कोर नहीं था।

भारत के गेंदबाजों ने बहुत ही सटीक और नपते हुए गेंदबाजी की। गोंगडी त्रिशा ने अपनी शानदार गेंदबाजी से विपक्षी टीम की धारा को पूरी तरह से बदल दिया। उनका प्रदर्शन स्पष्ट रूप से इस मैच की निर्णायक शक्ति बना, जिसके कारण भारत ने विरोधी टीम को बहुत कम रन पर आउट किया।

भारत की सटीक बल्लेबाजी

भारत को जीत के लिए केवल 83 रन चाहिए थे, जो कि एक अपेक्षाकृत छोटा लक्ष्य था। इस छोटे से लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत ने अपनी बल्लेबाजी में किसी प्रकार की जल्दबाजी नहीं की और पूरी तरह से संयमित होकर खेला। गोंगडी त्रिशा ने पहले से ही अपनी बल्लेबाजी से मैच की दिशा को भारत के पक्ष में मोड़ दिया। उन्होंने शुरुआत में ही कुछ आकर्षक चौके और छक्के मारकर रन गति को तेज किया। उन्होंने सिर्फ 33 गेंदों पर नाबाद 44 रन बनाकर भारत को विजय के क़रीब पहुँचाया।

साथ ही, सानिका चालके ने 12वें ओवर की दो गेंदों पर विजयी चौका लगाकर भारत की जीत की पुष्टि की। यह स्पष्ट था कि भारत को इस छोटे लक्ष्य को हासिल करने में कोई कठिनाई नहीं हुई, और उन्होंने इसे आसानी से समाप्त किया। भारत ने बहुत कम समय में और बहुत कम ओवरों में मैच को जीत लिया।

गोंगडी त्रिशा का अद्वितीय योगदान

गोंगडी त्रिशा ने इस मैच में न केवल गेंदबाजी में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया, बल्कि बल्लेबाजी में भी अपनी भूमिका पूरी की। उन्होंने 3 विकेट लेकर दक्षिण अफ्रीका की बल्लेबाजी को ध्वस्त कर दिया और फिर 44 नाबाद रन बनाकर भारत को एक बेमिसाल जीत दिलाई। उनके इस सामूहिक योगदान ने उन्हें इस मैच का नायक बना दिया।

गोंगडी त्रिशा का यह प्रदर्शन इस टूर्नामेंट में उनके समग्र योगदान का हिस्सा था। उन्होंने सात मैचों में कुल 309 रन बनाकर टूर्नामेंट की अग्रणी रन-स्कोरर का दर्जा प्राप्त किया। वह इंग्लैंड की डेविना पेरिन से लगभग 133 रन आगे थीं, जो इस बात का प्रमाण था कि वह इस टूर्नामेंट की सबसे प्रभावशाली खिलाड़ी थीं। उनकी बल्लेबाजी में परिपक्वता और तकनीकी कौशल ने उन्हें भारतीय क्रिकेट के भविष्य के सितारे के रूप में स्थापित किया।

भारत की शानदार टीमवर्क और जीत

भारत के लिए यह जीत एक सामूहिक प्रयास का परिणाम थी। गेंदबाजों ने जहां दक्षिण अफ्रीका को दबाव में डाला, वहीं बल्लेबाजों ने बिना कोई गलती किए लक्ष्य की ओर बढ़ते गए। यह मैच एक प्रमाण था कि टीम की एकजुटता और सामूहिक प्रयास से कोई भी चुनौती पार की जा सकती है।

गोंगडी त्रिशा का प्रदर्शन न केवल भारत के लिए गर्व का विषय था, बल्कि भारतीय क्रिकेट में युवा प्रतिभाओं के लिए एक प्रेरणा भी थी। उनका संयमित और प्रभावी खेल यह दर्शाता है कि युवा खिलाड़ी भी बड़े मंचों पर अपनी छाप छोड़ सकते हैं।

गोंगडी त्रिशा का प्रदर्शन अद्वितीय है जिसे आने वाले भविष्य में कभी भूला नहीं जा सकता। 

स्कोर कुछ इस प्रकार है। 

दक्षिण अफ्रीका: 82 (20 ओवर)

  • सर्वाधिक स्कोर: वैन फोर्स्ट 23 (18)
  • भारत की गेंदबाजी:
    • त्रिशा: 3-15
    • सिसोडिया: 2-6

भारत: 84-1 (11.2 ओवर)

  • सर्वाधिक स्कोर:
    • त्रिशा: 44* (33)
    • चालके: 26* (22)
  • दक्षिण अफ्रीका की गेंदबाजी:
    • रेनेक: 1-14

नतीजा: भारत 9 विकेट से जीत गया।

जरुर पढ़ें