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रावण का पुष्पक विमान: प्राचीन भारत की उड़ान और रहस्य

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Mindfresh News April 13, 2025 11:52 PMअध्यात्म

भारतीय पौराणिक कथाओं में कई ऐसे रहस्य छिपे हैं जो आज की आधुनिक विज्ञान और तकनीक से मेल खाते हैं। इन्हीं रहस्यों में से एक है रावण का पुष्पक विमान—एक ऐसा विमान जो आज के हेलीकॉप्टर या UFO जैसा प्रतीत होता है। यह कोई कल्पना मात्र नहीं, बल्कि इसका उल्लेख वाल्मीकि रामायण जैसे ग्रंथों में भी मिलता है।

माना जाता है कि रावण जब माता सीता का हरण कर लंका ले गया था, तब वह इसी पुष्पक विमान का उपयोग कर भारत आया था। यह विमान हवा में उड़ता था, तेज गति से गंतव्य तक पहुँचता था और उसमें कई लोग एक साथ यात्रा कर सकते थे। यह अपने आप में एक उन्नत और अद्भुत तकनीक थी, जो उस युग में मौजूद थी।

पुष्पक विमान मूलतः धन के देवता कुबेर के पास था, लेकिन रावण ने अपने पराक्रम से उसे कुबेर से छीन लिया। कहा जाता है कि इस अद्भुत विमान का निर्माण मायासुर नामक दानव ने किया था, जिसे उस काल का महान वैज्ञानिक और शिल्पकार माना जाता है।

इतिहास और पुरातत्व के अनुसार, लंका (जिसे आज का श्रीलंका माना जाता है) में एक ऐसी प्राचीन स्थल मिला है, जिसे हवाई पट्टी के रूप में देखा गया है। यही वह स्थान माना जाता है जहां से रावण अपने पुष्पक विमान से उड़ान भरता था और समूचे पृथ्वी की यात्रा करता था।

रामायण के अनुसार, जब भगवान श्रीराम ने रावण का वध किया, तब विभीषण ने पुष्पक विमान श्रीराम को अयोध्या लौटने के लिए भेंट किया। श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण इसी विमान में बैठकर विजय यात्रा के रूप में अयोध्या लौटे।

यह कथा आज भी अनेक शोधों और चर्चाओं का विषय है। यह केवल धार्मिक या पौराणिक दृष्टिकोण से नहीं, बल्कि तकनीकी और ऐतिहासिक दृष्टि से भी अत्यंत रोचक है। पुष्पक विमान का अस्तित्व यह दर्शाता है कि प्राचीन भारत में विज्ञान और तकनीक की अद्भुत समझ थी, जो आज के युग में भी शोध और प्रेरणा का स्रोत है।

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रावण का पुष्पक विमान न केवल एक उड़नखटोले की कहानी है, बल्कि यह प्राचीन भारत के ज्ञान, विज्ञान और चमत्कारिक सोच का प्रतीक है।

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