ताज़ा खबर

कल को हमारे धरती से कोइ एस्ट्रोनॉट टकराने वाला है तो क्या उससे बचने के लिए हमारे पास कुछ उपाय है ?

VIEWS - 457
Mindfresh News April 8, 2025 12:03 PMब्लॉग

अच्छा अगर कल को हमारे धरती से कोइ एस्ट्रोनॉट टकराने वाला है ,तो  क्या उससे बचने के लिए हमारे पास कुछ उपाय है , वेल ये डिपेंड करता है एस्ट्रोनॉट के साइज के ऊपर, अगर एस्ट्रोनॉट का साइज 500 मीटर से छोटा है तो , हम उसे न्यूक्लियर बम से उड़ा सकते है , लेकिन  अगर एस्ट्रोनॉट का साइज डायनासोर के जमाने जितना हो, तो इसपर भी डिपेंड करता है कि वह कहा गिरने वाला है , हा ये अलग बात है कि अगर ये पानी पर गिरा तो सब मरेंगे,और अगर ये जमीन पर गिरा तब भी सब मरेंगे, क्योंकि कोई भी एस्ट्रोनॉट जिसका साइज 10 किलो मीटर या उससे ऊपर हो , तो वह काफी है कि वो पूरे अर्थ के लाइफ को मिटा सकता है लेकिन चांसेज है कि छोटे छोटे क्रिएचर बच जायेगे।

इस सवाल का जवाब पूरी तरह इस बात पर निर्भर करता है कि वह उल्का कितना बड़ा है। वैज्ञानिकों के अनुसार, अगर उल्का का आकार लगभग 500 मीटर या उससे कम है, तो हमारे पास उसे रोकने या नष्ट करने के कुछ संभावित उपाय मौजूद हैं। जैसे कि न्यूक्लियर मिसाइल से उसे फटाकर छोटे-छोटे टुकड़ों में बांटना, ताकि वे धरती के वायुमंडल में घुसते ही जल जाएं और नुकसान ना करें।

लेकिन अगर बात एक विशाल उल्का की हो, जिसका आकार 10 किलोमीटर या उससे भी ज्यादा हो—जैसे कि वह उल्का जिसने करोड़ों साल पहले डायनासोर का अस्तित्व मिटा दिया था—तो मामला बहुत गंभीर हो जाता है। ऐसे उल्कापिंड से निपटना इंसान की वर्तमान तकनीक से लगभग असंभव है।

अब यह भी इस बात पर निर्भर करता है कि वह उल्का धरती के किस हिस्से पर गिरता है। अगर वह समुद्र में गिरता है, तो विशालकाय सुनामी उठ सकती है, जो तटीय इलाकों को निगल सकती है और वातावरण में इतना वाष्प और धूल भर सकता है कि सूर्य की रोशनी धरती तक न पहुंचे। वहीं अगर वह ज़मीन पर गिरता है, तो विस्फोट और आग की लपटें हजारों किलोमीटर तक फैल सकती हैं, और वायुमंडल में धूल का गुबार छा सकता है जिससे पूरी पृथ्वी का तापमान गिर जाएगा।

ऐसी स्थिति में जीवन का बड़ी मात्रा में नाश हो सकता है। हालांकि, वैज्ञानिकों का मानना है कि ऐसे महाविनाश के बाद भी पृथ्वी पर कुछ जीवन बच सकता है—जैसे कि भूमिगत रहने वाले छोटे जीव, गहरे समुद्र के सूक्ष्मजीव, या वे प्रजातियां जो अत्यधिक तापमान और विषम परिस्थितियों में जीवित रह सकती हैं।

इसलिए, जब भी हम कहते हैं कि "सब कुछ खत्म हो जाएगा", तो यह ज़रूरी नहीं कि हर जीव मिट जाएगा—लेकिन मानव सभ्यता जैसे हम जानते हैं, उसका अस्तित्व खतरे में पड़ सकता है।

इसे भी पढ़ें -       अंतरिक्ष स्टेशन को अंतरिक्ष में कैसे ले जाया जाता है?

जरुर पढ़ें