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 किसान बकरी के सींग क्यों काटते हैं?

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Mindfresh News April 8, 2025 12:18 PMब्लॉग

क्या आपने कभी सोचा है कि कुछ किसान अपनी बकरियों के सींग क्यों काटते हैं? क्या यह उनके लिए दर्दनाक होता है या इसके पीछे कोई वजह है?

आइए जानते हैं इसके पीछे की असली वजह

बकरियों के सींग प्राकृतिक रूप से बढ़ते हैं, लेकिन कई किसान उन्हें छोटा कर देते हैं। इसे ‘डिसबडिंग’ या ‘डीहॉर्निंग’ कहते हैं।

किसान कहते है कि: अगर बकरी के सींग बड़े हो जाएं, तो वे एक-दूसरे को चोट पहुँचा सकती हैं, खासकर झुंड में लड़ते समय। किसानों का कहना है कि अगर बकरियों के सींग बहुत बड़े हो जाएं, तो वे झुंड में एक-दूसरे से लड़ते समय एक-दूसरे को गंभीर रूप से घायल कर सकती हैं। खासकर जब बकरियाँ आपस में वर्चस्व की लड़ाई लड़ती हैं, तो उनके बड़े और नुकीले सींग हथियार की तरह काम करते हैं, जिससे सिर, आंखों या शरीर के अन्य हिस्सों में गहरी चोट लग सकती है। यही कारण है कि किसान समय रहते सींगों की लंबाई पर नियंत्रण रखते हैं, ताकि जानवरों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

 कई बार, बड़े सींग बाड़े या तारों में फँस सकते हैं, जिससे बकरी घायल हो सकती है। इसलिए, किसान उन्हें छोटी उम्र में ही काट देते हैं।और कभी कभी इनका सिंघ इतना बड़ा हो जाता है कि इनके आंखों तक घुश जाता है 

अक्सर ऐसा होता है कि जब बकरों के सींग बहुत बड़े हो जाते हैं, तो वे बाड़े या तारों में फँस सकते हैं, जिससे उन्हें गंभीर चोट लगने का खतरा रहता है। यही कारण है कि कई किसान सावधानी बरतते हुए बकरों के सींग को छोटी उम्र में ही काट देते हैं। इसके अलावा, कुछ मामलों में सींग इतने अधिक बड़े और मुड़े हुए हो जाते हैं कि वे बकरी की आंखों तक पहुँच जाते हैं या आंखों में चुभने लगते हैं, जिससे उन्हें असहनीय दर्द और दृष्टि संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए समय पर सींगों की देखभाल और प्रबंधन करना बेहद आवश्यक होता है।

अगर यह सही तरीके से और अनुभवी व्यक्ति द्वारा किया जाए, तो बकरी को कम से कम दर्द होता है। यह उनके सुरक्षा के लिए जरूरी माना जाता है।

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